Friday, September 16, 2016

संघी प्रधानमंत्री की स्वामीभक्ति

विदेश यात्रा का कोई भी मौका न चूकने वाले संघी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो अपना अच्छा-खासा समय विदेशों में गुजारते हैं, इस बार एक खास मौके पर विदेश नहीं गये हैं। इसके बदले उन्होंने उपराष्ट्रपति हामिद अन्सारी को वहां भेज दिया हालांकि संबंधित जगह पर देश के प्रधानमंत्री ही जाते रहे हैं। ऐसा करके नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया। 
इस समय वेनेज्युएला के मार्गरीटा द्वीप पर गुट निरपेक्ष आंदोलन की बैठक चल रही है। भारत गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापकों में था और देश के प्रधानमंत्री इसकी शिखर बैठकों में जाते रहे हैं। 
हालांकि सोवियत संघ के विघटन के बाद गुट निरपेक्ष आंदोलन का दम निकल गया पर अवशेष स्वरूप इसका अस्तित्व बचा हुआ है और समय-समय पर इसकी बैठकें होती रहती हैं। इसमें शाकाहारी किस्म के प्रस्ताव पास होते रहते हैं, जिस पर बाद में कोई ध्यान नहीं देता।
पर तब भी इसके साथ पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं जिसमें अमरीकी साम्राज्यवाद विरोध एक प्रमुख चीज थी। फिर इस बार का आयोजक वेनेज्युएला है जिसकी सरकार को अमरीकी साम्राज्यवादी बिलकुल पसन्द नहीं करते और उसके खिलाफ विद्रोह भड़काते रहते हैं।
ऐसे में बराक ओबामा के स्वघोषित खास यार नरेन्द्र मोदी इस जमावड़े में कैसे जाते ? अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने अमरीकी साम्राज्यवादियों से समझौता कर अपनी जमीन उनके द्वारा सैनिक इस्तेमाल के लिए सुलभ करा दी। वे हर कीमत पर वह जगह हासिल करना चाहते हैं जो पहले पाकिस्तान की थी और जिसने बाद में पाकिस्तान का बेड़ा गर्क कर दिया। 
स्वाभाविक ही है कि बराक ओबामा के कदमों में किसी भी तरह जहग पाने के इच्छुक नरेन्द्र मोदी वेनेज्युएला में आयोजित गुट-निरपेक्ष आंदोलन की बैठक में शामिल होकर अपने आका को नाराज नहीं करना चाहेंगे। 
इसीलिए उन्होंने विदेश यात्रा का एक और अवसर जान-बूझकर खो दिया।  

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