हमारे बारे में

           इंकलाबी मजदूर केन्द्र की स्थापना 2006 में हुई | इंकलाबी मजदूर केन्द्र यह मानता है कि वर्तमान ट्रेड यूनियन आन्दोलन के सभी बड़े व स्थापित ट्रेड यूनियन सेन्टर मजदूर वर्ग के क्रान्तिकारी व राजनीतिक संघर्षों से किनाराकशी कर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पूंजीपति वर्ग की सेवा कर रहे हैं| ट्रेड यूनियन आन्दोलन में अर्थवाद,सुधारवाद,कानूनवाद व संशोधनवाद का बोलबाला  है| स्थापित ट्रेड यूनियन सेन्टर न केवल मजदूर वर्ग के क्रांतिकारी  संघर्षों को तिलांजलि दे चुके हैं बल्कि वे सामान्य आर्थिक संघर्षों को भी ईमानदारी व जुझारू तरीके  से लड़ने की स्थिति में नहीं हैं । इनका नेतृत्व पतित, भ्रष्ट, अभिजात और व्यवस्थापरस्त हो चुका है | इनकी कार्यशैली में नौकरशाहाना तौर तरीके पूरी तरह छाये हुए हैं और जनवादी तौर तरीकों का पूर्ण अभाव है |  इनके रूपांतरण की संभावनायें बहुत कम हैं | ऎसे में ट्रेड यूनियन आन्दोलन को पुनः नये सिरे से संगठित करने की जरूरत बनती है|
इंकलाबी मजदूर केन्द्र का मानना है कि मजदूर आन्दोलन के अतीत के संघर्षों की विरासत व  क्रांतिकारी विचारधारा के आधार पर ही क्रांतिकारी मजदूर आन्दोलन को आगे बढ़ाया जा सकता है |  इंकलाबी मजदूर केन्द्र वैज्ञानिक  समाजवाद अथवा मार्क्सवाद को ही मजदूर वर्ग की मुक्ति की विचारधारा मानता है इंकलाबी मजदूर केन्द्र मजदूर वर्ग के अस्तित्व में आने के बाद पूंजीवाद के खिलाफ लड़े गये सभी वीरतापूर्ण संघर्षों के साथ पेरिस कम्यून महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति और महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति के तीन महान प्रयोगों को अपनी विरासत के रूप में स्वीकार करता है|
इंकलाबी मजदूर केन्द्र का मानना है कि मजदूर वर्ग की मुक्ति श्रम शक्ति की खरीद फरोख्त और मालिक मजदूर के रिश्ते पर आधारित पूंजीवादी व्यवस्था के खात्मे के बिना संभव नहीं है| मजदूर वर्ग की मुक्ति के लिए पूंजीवाद को खत्म कर मजदूर राज यानी समाजवाद कायम करना आवश्यक  है | समाजवाद के रास्ते एक वर्ग विहीन, शोषण विहीन समाज यानी साम्यवाद की स्थापना के साथ ही मानवता पूर्ण मुक्ति के युग में प्रवेश करेगी |
मजदूर वर्ग को अपने वर्ग के क्रांतिकारी संघर्षों को आगे बढ़ाने व पूंजीवाद के खात्मे मजदूर राज की स्थापना और साम्यवाद की ओर संक्रमण के पूरे दौर में अपनी एक क्रांतिकारी पार्टी की जरूरत होगी जो क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी ही हो सकती है| 
भारत का कम्युनिस्ट आन्दोलन लगभग 85 साल का हो चुका है| महान अक्टूबर क्रांति के आलोक में भारत में भी कम्युनिस्ट आन्दोलन के बीज प्रफुस्टित हुए| भारत में मजदूर आन्दोलन के विकास व वर्ग संघर्ष के आगे बढ़ने के साथ औपनिवेशिक काल में ही कम्युनिस्ट आन्दोलन मजबूती के साथ आगे बढ़ा| भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने 1925 में अपनी स्थापना के साथ मजदूर वर्ग के संघर्षों को क्रांतिकारी चरित्र प्रदान किया व किसानों समेत सभी मेहनतकश वर्गों के संघर्षों को आगे बढ़ाया| साम्राज्यवाद, पूंजीवाद सहित सामंतवाद के खिलाफ वीरतापूर्ण संघर्ष में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की शानदार भूमिका रही है जिसे इंकलाबी मजदूर केन्द्र अपनी क्रांतिकारी विरासत के रूप में स्वीकार करता है| 1956 में सोवियत संघ में पूंजीवाद की पुनर्स्थापना व अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन में ख्रुशचेवी  संशोधनवाद के उदय के साथ भारत का कम्युनिस्ट आंदोलन भी इससे प्रभावित हुआ | इंकलाबी मजदूर केन्द्र का मानना है कि भारत में आज मजदूर वर्ग की क्रांतिकारी अखिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मौजूद नहीं है| लेकिन इसके बावजूद एक क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आन्दोलन मौजूद है जो कई अंशों में बंटा है|
मजदूर वर्ग को एक अखिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की शिद्दत से दरकार है| 
हम विश्व मजदूर आन्दोलन व उसके हिस्से के तौर पर भारत के मजदूर आन्दोलन का अंश हैं व क्रांतिकारी विश्व मजदूर आन्दोलन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कृत संकल्प हैं| इसी के तहत हम भारत में समाजवाद के लिए संघर्ष व विश्व समाजवादी क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं| इसी वृहद्तर लक्ष्य के मद्देनजर हम मजदूर वर्ग के विभिन्न आर्थिक, राजनीतिक व क्रांतिकारी संघर्षों को विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं|


1 comment:

  1. जब तक आप मजदूर वर्ग के शिक्षा और स्वास्थ्य के अधिकार के लिए संघर्ष नहीं करते तब तक क्रांति की बात बैमानी है ....................

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