दिल्ली में इस समय डेंगू बुखार एक महामारी का रूप ले चुका है। मानों इतना ही कम न हो, इस महामारी को लेकर दिल्ली सरकार, नगर पालिका और नगर महापालिका तथा केन्द्र सरकार एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं, साथ ही इनमें हावी पूंजीवादी पार्टियां भी। यह समझ में आने वाली बात है कि यदि देश की राजधानी दिल्ली में यह हाल है तो पूरे देश में क्या होगा?
एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रही पूंजीवादी पार्टियों और उनके नेताओं की बकवासों के विपरीत मसला असल में देश की समूची स्वास्थ्य व्यवस्था का है। डेंगू की इस महामारी ने यह दिखाया है कि कोई भी सामान्य स्वास्थ्य संकट भयंकर संकट में रूपांतरित हो सकता है।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। देश की स्वास्थ्य सामान्य अवस्था में भी संकटग्रस्त है। सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र और अस्पताल चौपट हो चुके हैं। वहां डाॅक्टरों से लेकर दवाओं तक सबका अभाव है। दूसरी ओर चारों ओर कुकुरमुत्तों की तरह निजी अस्पताल उग आये हैं जिनका एकमात्र मकसद चिकित्सा के नाम पर मरीजों या उनके परिजनों को लूटना होता है। एक बड़ी आबादी तो अप्रशिक्षति डाॅक्टरों के भरोसे चल रही है।
यह सब यूं ही नहीं हो गया है। यह सरकारों की सोची-समझी नीतियों का नतीजा है जो स्वास्थ्य क्षेत्र को मुनाफा लूटने के लिए निजी पूंजीपतियों के हवाले करती है। अभी सरकार द्वारा जारी मसौदा स्वास्थ्य नीति भी इसी को आगे बढ़ाती है। इसी के तहत स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च लगातार घटता गया है जबकि निजी बढ़ता गया है। हालात ऐसे हो गये हैं कि स्वास्थ्य बीमा के बल पर ही कोई निजी अस्पतालों में इलाज करा सकता है।
ऐसे में यह जरा भी अस्वाभाविक नहीं है कि निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों को अपने यहां से वापस कर रहे हैं। इसमें भी आश्चर्य नहीं है कि सरकार समेत हर कोई डेंगू के मरीजों की संख्या कम से कम बताने का प्रयास कर रहा है।
डेंगू पर यह हो-हल्ला कुछ दिनों तक जारी रहेगा। फिर सब कुछ सामान्य हो जायेगा। स्वास्थ्य व्यवस्था वैसे ही और रसातल में चलती जायेगी और निजी अस्पातल मरीजों को और ज्यादा लूटते जायेंगे।
इसे रोकने और हालात को ठीक करने का केवल एक ही तरीका है- स्वास्थ्य क्षेत्र को मुनाफे के पंजे से बाहर निकालकर पूर्णतया सरकारी क्षेत्र में ले आना। इसे जनता की निगरानी में रखना और इस पर हो रहे व्यय को बढ़ाना।
पर यह अपने आप नहीं हो जायेगा। इसके लिए तीखे संघर्ष की आवश्यकता होगी क्योंकि मसला निजीकरण-उदारीकरण की पूरी नीति को पलटने का है।
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