Monday, November 19, 2012

फिलिस्तीन पर इस्राइली जियनवादियों के हमले का विरोध करो!

        अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव सम्पन्न होते ही इस्राइल के जियनवादी शासकों ने फिलिस्तीन पर हमला कर दिया तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उसे खुला समर्थन दे दिया। यूरोप के साम्राज्यवादी भी इस्राइल के साथ खड़े हैं। 
        इस्राइली हमले का तात्कालिक कारण इस्राइल में जनवरी में होने वाले चुनाव हैं। जिसे बेन्जामिन नेतन्याहू जीतना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा किया गया यह हमला चुनाव में उनकी डूबती नैया को पार लगा देगा। 
इस तात्कालिक कारण से इतर यह हमला फिलीस्तीन को पूरी तरह से निगल जाने के लिए किये जा रहे प्रयासों का ही एक हिस्सा है। इसमें आज बाधा बन रहे गाजा पट्टी के हामास की कमर तोड़ना जियनवादियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
         मुस्लिम कट्टरपंथी हामास ने पिछले चुनाव में गाजा पट्टी में जीत हासिल की थी। लेकिन तब जनतंत्र के स्वयंभू ठेकेदार पश्चिमी साम्राज्यवादियों ने हामास सरकार को मान्यता नहीं दी। उन्होंने हामास को एक आतंकवादी संगठन कहना जारी रखा। इस्राइली जियनवादी हामास को आतंकवादी घोषित कर ही उस पर हमला करते हैं। वास्तव में वे कहीं ज्यादा भौंडे रूप में वही करते हैं जो अमेरिकी साम्राज्यवादी करते हैं। अमेरिकी साम्राज्यवादी सारी दुनिया पर कब्जा करने के लिए हमला करते हैं और जब उनका प्रतिरोध होता है तो विरोधियों को आतंकवादी घोषित कर देते हैं।
        फिलीस्तीन पर इस्राइली जियनवादियों के इस हमले से उन स्थानीय शासकों के समीकरण गड़बड़ा गये हैं जो पश्चिमी साम्राज्यवादियों के साथ मिलकर सीरिया में असद का तख्ता पलटना चाहते हैं। इसीलिए तुर्की, कतर और मिश्र के शासकों समेत समूची अरब लीग इस हमले का विरोध करने का दिखावा कर रही है। इस फर्जी विरोध को साम्राज्यवादियों की मान्यता प्राप्त है। 
        इन शासकों के ठीक विपरीत समूचे अरब सहित सारी दुनिया की मजदूर-मेहनतकश जनता दृढ़तापूर्वक फिलीस्तीनी जनता के साथ खड़ी है और इस्राइली जियनवादियों के बर्बर हमले का विरोध करती है। भारत का मजदूर वर्ग भी इसमें शामिल है।

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