यूनान की राजधानी एथेंस आग की लपटों का शिकार हो रही हैं। मजदूर वर्ग द्वारा तथाकथित किफायत कदमों का घोर विरोध करने के बावजूद साम्राज्यवादी शासकों द्वारा इसे वहां मजदूरों पर थोपे जाने का परिणाम लूट-पाट और आगजनी में सामने आ रहा है। वहां सैकड़ों दुकानों को लूट लिया गया है और पचासों घरों में आग लगा दी गई है।
आर्थिक संकट का बोझ मजूदर वर्ग पर डालकर उनके जीवन स्तर को और नीचे गिराने की नीति के तहत ग्रीस की तथाकथित टेक्नोक्रेटिक सरकार ने संसद से एक नया किफायत कार्यक्रम पास करवाया है। इसके तहत निजी क्षेत्र के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी को 22 प्रतिशत गिरा दिया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी की जाएगी और बाकी बचे कर्मचारियों की तनख्वाहों और पेंशन को भी इसी अनुपात में गिराया जाएगा। यह सब इसलिए कि साम्राज्यवादियों की वित्त पूंजी के मुनाफे को सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार के इन ताजा कदमों के विरोध में ठीक पहले मजदूरों ने दो दिन की आम हड़ताल की थी। यह आम हड़ताल पूर्णतया सफल थी। लेकिन साम्राज्यवादी इससे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनकी पूंजी का मुनाफा दांव पर लगा है। इसीलिए उन्होंने हर कीमत पर अपना “किफायती कदम” आगे बढ़ाया।
एथेंस में आगजनी और लूटपाट साम्राज्यवादी शासकों के इसी “किफायती कदम” का नतीजा है। यूनान में अराजकतावादी वैसे बी मुखर रहे हैं।
वर्ग सचेत मजदूरों के लिए स्पष्ट है कि आगजनी और लूट-पाट की यह अराजकतावादी कार्रवाई कोई रास्ता नहीं है। उन्हें समूची पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए अपने संगठित संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।
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