Friday, May 6, 2011

ओबामा बनाम ओसामा

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने घोषणा की है कि उनके आदेश से अमेरिकी कमाण्डो ने ओसामा बिन लादेन की हत्या कर दी है और उसे समुद्र में दफना दिया है। उनके हिसाब से ओसामा अमेरिकी न्याय से आखिरकार बच नहीं सका। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों ने, जिसमें बुश बाप-बेटे भी हैं, ओबामा को इसके लिए बधाई दी है।
ओसामा बिन लादेन अमेरीकियों द्वारा पैदा किया गया भस्मासुर था। उसे अमेरिकी साम्राज्यवादियों की गुप्तचर एजेन्सी सी. आई. ए. ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत सेनाओं से लड़ने के लिए पाला-पोषा था। उसे इस्लामी जेहादी अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने बनाया था। जब 1989 में सोवियत सेनायें वहां से हट गईं तो ओसामा नामक जेहादी भी वहां से चला गया। 1991 में ईराक पर अमेरिकी हमले के बाद ओसामा भस्मसुर बन गया। वह अपने ही जनक के खिलाफ जेहादी बन गया। तब से अब तक यह भस्मासुर अमेरिकी साम्राज्यवादियों के पीछे पड़ा रहा। 
लेकिन यह भस्मासुर अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बहुत काम का था। पिछले 10 सालों में उन्होंने इस भस्मासुर के काल्पनिक भय का भरपूर इस्तेमाल किया। इसका नाम लेकर अमेरिकी साम्राज्यवादी जनमानस को अपने पीछे गोलबंद करते रहे हैं। ओसामा के नाम पर ही उन्होंने अफगानिस्तान और इराक पर हमला कर उनपर कब्जा कर लिया। ओसामा और उसके संगठन का नाम लेकर वे जहां-तहां हमला करते रहे हैं।
 इतने दिन तक इस भस्मासुर के भय का इस्तेमाल कर लेने के बाद इसकी उपयोगिता अब खत्म हो गई लगती थी। अब अफगानिस्तान में मामले को काबू में भी लाना था और बराक ओबामा को चुनाव भी जीतना था। ऐसे में भस्मासुर की हत्या मौजूं थी। पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया एजेन्सी आई. एस. आई. पर दबाव बनाया गया। उन्हें आतंकवादी घोषित करने की अप्रत्यक्ष धमकी दी गई। उनसे ओसामा का असली ठिकाना मालूम कर लिया गया। फिर पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से उसकी हत्या कर दी गई। उसे गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने से अमेरिकी साम्राज्यवादियों के काले कारनामों का ही भण्डाफोड़ होता। इसीलिए उसे मार डाला गया। उसे जमीन में दफनाने से वह जगह जेहादियों की गोलबंदी की जगह बन जाती। इसीलिए उसके शव को समुन्द्र में दफनाने की घोषणा कर दी गई।
    ओसामा बिन  लादेन इस्लामी जेहाद या आतंकवाद का जितना प्रतीक था उससे ज्यादा वह अमेरिकी साम्राज्यवादियों की काली करतूतों, उनके कुकर्मों, उनकी धूर्तता का जीता-जागता प्रतीक था। वह रोनाल्ड रीगन, बुश बाप-बेटे, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा का दूसरा चेहरा था। अमेरिकी साम्राज्यवादी न होते तो ओसामा बिन लादेन भी न होता। सारी दुनिया में अमेरिकी साम्राज्यवादियों (साथ में ब्रिटिश इत्यादि) की कब्जाकारी कार्रवाइयां न होतीं तो अल कायदा भी न होता। ओसामा बिन लादेन और उसके संगठन अल कायदा ने कुछ हजार लोगों की हत्या की होगी। लेकिन इनसे लड़ने के नाम पर अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने अब तक दसियों लाख लोगों की हत्या कर डाली है। ओसामा ने कुछ इमारतें  और बंदरगाह तबाह किये। साम्राज्यवादियों ने दो देश तबाह कर डाले। एक तीसरे देश पाकिस्तान को वहां पहुंचा दिया कि उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
    गौरतलब यह है कि ओसामा को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने की दंभपूर्ण साम्राज्यवादी घोषणा जार्ज बुश ने की थी और उसे मार गिराने का सेहरा बराक ओबामा ने अपने सिर पर बांधा है। ऐसा करके बराक ओबामा ने खुद को घृणित जार्ज बुश का योग्य उत्तराधिकारी साबित कर दिया है। इस मिठबोले साम्राज्यवादी में इतना साहस नहीं था कि ओसामा को पकड़ कर उस पर मुकदमा चलाता। झूठे साम्राज्यवादी सच का सामना करने से इसी तरह घबराते हैं और वे सच को इसी तरह समुद्र में दफन करते हैं।
जार्ज बुश नामक हेकड़ीबाज ने अफगानिस्तान और इराक पर हमला करने के लिए कम से कम झूठा बहाना तो किया था। लेकिन बराक ओबामा नामक मिठबोला एकदम आगे गया है। उसने लीबिया पर हमला कर दिया और अब उसे जायज ठहराने के लिए अखबारों में लेख लिख रहा है। जार्ज बुश मुंह छिपा कर हंस रहा होगा।
अरब विद्रोह ने दिखाया कि ओसामा बिन लोदन और अल कायदा का हौवा वास्तव में साम्राज्यवादियों द्वारा खड़ा किया गया हौवा ही था। साम्राज्यवादियों के इससे बहुत से हित सधते थे। जन विद्रोह से साम्राज्यवादियों के समाने अब दूसरी ही चुनौतियां आ गई हैं। इसलिए ओसामा बिन लादेन के हौवे को दफनाने का समय आ गया था। उसके शव को समुद्र में फेंककर साम्राज्यवादियों ने इसे दफना दिया है। अब वे किसी  नये हौव्वे को खड़ा करने की ओर बढ़ सकते हैं।

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