भारत के पूंजीपति वर्ग द्वारा अमेरिका की ताबेदारी को अब एक लम्बा अर्सा हो गया है। इस ताबेदारी को पूंजीपति वर्ग की सभी पार्टियों ने पूरी निष्ठा से निभाया है। अब विकीलीक्स द्वारा जो किया जा रहा है वह बस इसी को तस्दीक करता है।
विकीलीक्य द्वारा जारी अमेरिकी राजनयिकों के केबलों से एकदम स्पष्ट है कि अमेरिकी साम्राज्यवादी कितनी बारीकी से भारतीय पूंजीपति वर्ग की नीतियों को प्रभावित कर रहे हैं। वे एक-एक चीज पर नजर रख रहे हैं और हर चीज को अपने हिसाब से चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसी के साथ यह भी नजर आ रहा है कि वे भारतीय शासकों द्वारा अपनी जनता को धोखा देने की कार्रवाई से न केवल अमेरिकी साम्राज्यवादी भली-भांति परिचति हैं बल्कि वे चाहते हैं कि ऐसा ही हो। यह भारतीय पूंजीपति वर्ग और साम्राज्यवादी दोनों के हित में है कि भारतीय सरकार अमेरिकी साम्राज्यवादियों के साथ सटने के बावजूद उनके विरोध में नजर आये।
विकीलीक्स द्वारा उजागर किये गये केबलों से भारत सरकार न केवल सांसत में है बल्कि समूचा पूंजीपति वर्ग इससे भयभीत है। अभी भाजपा एण्ड कम्पनी कांग्रेसियों की टांग खिंचाई करते नजर आ रहे हैं लेकिन वे जानते हैं कि उनकी हालत भी कोई बेहतर नहीं है। वे थोड़ा-शोरगुल मचाकर चुप हो जायेंगे।
यहां यह भी गौरतलब है कि अरब जगत के विद्रोहों में विकीलीक्स द्वारा उजागर केबलों ने एक भूमिका निभाई है। इन्होंने यह तीक्षणता से उजागर किया था कि अरब के प्रतिक्रियावादी शासक कितने घ्रणित स्तर पर जाकर अमेरिकी साम्राज्यवादियों की ताबेदारी करते रहे हैं और अरब की मेहनतकश जनता के खिलाफ यह सब करते रहे हैं। इसने मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनता की घृणा को चरम पर पहुंचा दिया। भारत के संदर्भ में भी यह हो रहा है। यह भारतीय शासकों के चेहरे पर पड़े झीने आवरण को नोच दे रहा है।
विकीलीक्स द्वारा जारी केबलों में वर्ग सचेत मजदूरों के लिये बहुत सारा ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल वे शासक वर्गों का भंडाफोड़ करने के लिये कर सकते हैं शासकों के आपसी झगड़े हमेशा ऐसे मौके देते हैं । इस बार भी यही हो रहा है। वर्ग सचेत मजदूरों को इस अवसर का इस्तेमाल करना चाहिये।
इसी के साथ यह भी नजर आ रहा है कि वे भारतीय शासकों द्वारा अपनी जनता को धोखा देने की कार्रवाई से न केवल अमेरिकी साम्राज्यवादी भली-भांति परिचति हैं बल्कि वे चाहते हैं कि ऐसा ही हो। यह भारतीय पूंजीपति वर्ग और साम्राज्यवादी दोनों के हित में है कि भारतीय सरकार अमेरिकी साम्राज्यवादियों के साथ सटने के बावजूद उनके विरोध में नजर आये।
विकीलीक्स द्वारा उजागर किये गये केबलों से भारत सरकार न केवल सांसत में है बल्कि समूचा पूंजीपति वर्ग इससे भयभीत है। अभी भाजपा एण्ड कम्पनी कांग्रेसियों की टांग खिंचाई करते नजर आ रहे हैं लेकिन वे जानते हैं कि उनकी हालत भी कोई बेहतर नहीं है। वे थोड़ा-शोरगुल मचाकर चुप हो जायेंगे।
यहां यह भी गौरतलब है कि अरब जगत के विद्रोहों में विकीलीक्स द्वारा उजागर केबलों ने एक भूमिका निभाई है। इन्होंने यह तीक्षणता से उजागर किया था कि अरब के प्रतिक्रियावादी शासक कितने घ्रणित स्तर पर जाकर अमेरिकी साम्राज्यवादियों की ताबेदारी करते रहे हैं और अरब की मेहनतकश जनता के खिलाफ यह सब करते रहे हैं। इसने मजदूर वर्ग और मेहनतकश जनता की घृणा को चरम पर पहुंचा दिया। भारत के संदर्भ में भी यह हो रहा है। यह भारतीय शासकों के चेहरे पर पड़े झीने आवरण को नोच दे रहा है।
विकीलीक्स द्वारा जारी केबलों में वर्ग सचेत मजदूरों के लिये बहुत सारा ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल वे शासक वर्गों का भंडाफोड़ करने के लिये कर सकते हैं शासकों के आपसी झगड़े हमेशा ऐसे मौके देते हैं । इस बार भी यही हो रहा है। वर्ग सचेत मजदूरों को इस अवसर का इस्तेमाल करना चाहिये।
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