Tuesday, January 6, 2015

फर्जी आतंकी हमले का भांडा फूटा

        केन्द्र की भाजपा सरकार ने नये साल की पूर्व संध्या पर जो कारनामा किया अब वह उसके गले पड़ गया है हालांकि उसने उसे ढंकने के लिए उससे भी ज्यादा घटिया काम कर डाला। 
      हुआ यह कि 31 दिसंबर के दिन अरब सागर में भारत के तटीय सुरक्षा गार्डो ने एक नाव को घेर लिया। भारत सरकार ने दावा किया कि उसमें पाकिस्तान प्रशिक्षित चार आतंकवादी थे जो भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से भारत आ रहे थे। खुद को घिरा पाकर उन्होंने अपनी नाव को विस्फोटकों से उड़ा दिया। 
      भारत सरकार अभी ढंग से अपनी पीठ भी नहीं ठोक पायी थी कि रिपोर्ट आने लगी कि उस नाव में आतंकवादी नहीं बल्कि स्मगलर थे। कुछ ने उसे मछुआरे की नाव बताया। स्पष्टतः इसका मतलब यह था कि नाव सवारों ने आत्महत्या नहीं की बल्कि भारतीय तट रक्षकों के हमले में उनकी नाव तबाह हुई। सैनिक विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि सरकार द्वारा जारी किया गया नाव के जलने का दृश्य ही यह दिखाता है कि नाव विस्फोटकों से तबाह नहीं हुयी बल्कि आग से जल गयी।
       सरकार की कहानी पर जब कांग्रेस पार्टी ने भी सवाल उठा दिया तो सरकारी पार्टी के लोग तिलमिला गये और वे कांग्रेस पर पर्याप्त देशभक्त न होने का आरोप लगाने लगे। 
मामला केवल इतने पर नहीं रूका। अचानक खबरें आने लगीं कि पाकिस्तान की ओर से युद्ध विराम का उल्लंघन कर बमबारी की जा रही है जिसमें सीमा सुरक्ष बल के जवान और नागरिक मारे जा रहे हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि नाव वाले मामले की पोल खुलने से सरकार ने दूसरा मामला छेड़ा हो जिससे लोगों का ध्यान हटे। 
       कश्मीर इत्यादि जगहों के उदाहरणों से स्पष्ट है कि किस तरह सुरक्षा बल फर्जी आतंकवादी हमलों की कहानी गढ़ते हैं। नरेन्द्र मोदी-अमित शाह के गुजरात में तो इस तरह के कई फर्जी मामले सामने आ चुके हैं ऐसे में पूरी संभावना है कि अरब सागर मं तैनात रक्षा गार्डो ने इसी तर्ज पर कोई फर्जी मुठभेड़ की कहानी गढ़ी हो और उसे नयी दिल्ली से प्रसारित किया गया हो। यह अपने आम में बहुत खतरनाक है। इससे संघी अंध राष्ट्रवाद का तो प्रचार किया जा सकता है पर जो अपनी बारी में और बुरे हालातों की ओर ले जाता है।
      लेकिन संघियों और उनकी सरकार को इससे क्या लेना देना ? बल्कि इसी तरह के खेल से तो ही आगे बढ़े हैं। आगे वे इससे भी ज्यादा बड़ा फर्जी हमला करवा सकते हैं या उसकी कहानी गढ़ सकते हैं। 
    वर्तमान फर्जी मामले का फर्जीबाड़ा तो तुरंत सामने आ गया पर बाकियों का भण्डाफोड़ करेन की जरूरत पड़ सकती है। जितनी जल्दी और शिद्दत से यह किया जायेगा उतना ही इस संघी सरकार को उसके कुकर्मों के लिए घेरा जा सकेगा।

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